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मोदी सरकार ने गेहूं के एक्सपोर्ट पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई, जानें कारण
भारत ने गेहूं के निर्यात पर लगाया बैन. (फोटो साभार: PTI)
- भारत ने गेहूं के निर्यात पर तुरंत प्रभाव से प्रतिबंध लागू कर दिया है.
- भारत ने बढ़ती घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने लिए ये फैसला लिया है.
- गेहूं के एक्सपोर्ट को अब 'प्रतिबंधित' सामानों की कैटेगरी में डाल दिया गया है.
भारत ने घरेलू कीमतों में वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए गेहूं के एक्सपोर्ट पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध (India Bans Wheat Export) लगा दिया है. सरकार ने कहा है कि केवल उन शिपमेंट को एक्सपोर्ट करने को अनुमति होगी जिनके लिए 13 मई या उससे पहले लेटर ऑफ़ क्रेडिट जारी हुआ है. गेहूं के एक्सपोर्ट को अब 'प्रतिबंधित' सामानों की कैटेगरी में डाल दिया गया है.
विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) की अधिसूचना में कहा गया है कि इसके अलावा सरकार अन्य देशों के अनुरोध पर एक्सपोर्ट की अनुमति देगी.
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अधिसूचना में कहा गया है कि सरकार ने "देश की समग्र खाद्य सुरक्षा का प्रबंधन करने और पड़ोसी और अन्य कमजोर देशों की जरूरतों का समर्थन करने के लिए" ये निर्णय लिया है.
फरवरी के अंत में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से ब्लैक सी क्षेत्र से एक्सपोर्ट में गिरावट आई है, जिसके चलते गेहूं आपूर्ति के लिए वैश्विक खरीदार अब भारत पर निर्भर हैं. भारत, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक है.
गेहूं के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगाने का कदम मार्च में लू के कारण फसल को हुए भारी नुकसान के बाद उठाया गया है. सरकार पर मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने का भी दबाव है जो अप्रैल में बढ़कर 7.79 प्रतिशत हो गई है.
इस महीने की शुरुआत में, रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी के हवाले से कहा गया था कि भारत गेहूं के निर्यात पर अंकुश लगाने के बारे में नहीं सोच रहा है. खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने तब कहा था, "गेहूं के निर्यात पर अंकुश लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है, क्योंकि देश में गेहूं का पर्याप्त भंडार है."
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में जर्मनी की अपनी यात्रा के दौरान, एक कार्यक्रम में भारतीय प्रवासियों से कहा कि देश के किसानों ने गेहूं की वैश्विक कमी के बीच "दुनिया को खिलाने के लिए आगे कदम बढ़ाया है." उन्होंने कहा, "जब भी मानवता संकट का सामना करती है, भारत समाधान लेकर आता है."
लगातार पांच वर्षों की रिकॉर्ड फसल के बाद, भारत ने अपने गेहूं के उत्पादन के अनुमान को फरवरी के 111.3 टन के अनुमान से घटाकर 105 मिलियन टन कर दिया था.
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