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नवजोत सिद्धू ने सरेंडर करने के लिए कुछ हफ्तों का समय मांगा, दिया ये कारण
नवजोत सिंह सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई गई है. (फोटो साभार: PTI)
- कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने सरेंडर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से कुछ और हफ्तों का समय मांगा है.
- सिद्धू ने मेडिकल आधार पर कोर्ट से अतिरिक्त समय मांगा है.
- सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को 34 साल पुराने एक रोड रेज मामले में एक साल कैद की सजा सुनाई है.
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने खुद को कोर्ट के हवाले करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से कुछ और हफ्तों का समय मांगा है. सिद्धू ने मेडिकल आधार पर कोर्ट से अधिक समय की मांग की है. बता दें कि एक दिन पहले 19 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को 34 साल पुराने एक रोड रेज मामले में एक साल कैद की सजा सुनाई थी.
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जस्टिस एएम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने पेश हुए नवजोत सिंह सिद्धू के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने उनके स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अतिरिक्त समय की मांग की है. कोर्ट ने सिंघवी को एक आवेदन दायर करने और चीफ जस्टिस के सामने मामले को रखने का आदेश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट के गुरुवार को सजा सुनाए जाने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए एक ट्वीट किया था. उन्होंने अपने इस ट्वीट में लिखा था कि वो खुद को क़ानून के हवाले कर देंगे.
सिद्धू पर आरोप है कि 27 दिसंबर 1988 को उन्होंने एक रोड रेज मामले में गुरनाम सिंह नाम के एक शख्स की पिटाई कर दी थी जिससे उसकी मौत हो गई थी.
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करीब तीन दशक पुराने मामले में पीड़ित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट के साल 2018 में सुनाए गए फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में फैसला सुनाते हुए सिद्धू पर लगा गैर-इरादतन हत्या का मामला खारिज कर दिया था. साथ ही उनकी तीन साल की सजा को घटाकर सिर्फ एक हजार रुपये का जुर्माना भरने को कहा था.
1988 में सिद्धू ने गुरनाम सिंह नाम के एक शख्स की पिटाई की थी जिसके चलते उसकी मौत हो गई थी. लोअर कोर्ट ने पहले इस मामले में सिद्धू को बरी कर दिया था. लेकिन इस फैसले के खिलाफ साल 1999 में पीड़ित परिवार ने हाईकोर्ट में अपील की. पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सिद्धू को दोषी करार दिया और तीन साल की सजा भी सुनाई. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और साल 2018 में सिद्धू की सजा को तीन साल से कम करके मात्र एक हजार रुपये जुर्माना कर दिया गया.
फिर पीड़ित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की. जिसके चलते अब सिद्धू को एक साल की सजा का फैसला सुनाया गया है.
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