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हैदराबाद की चारमीनार के नीचे है ऐसी अनोखी सुरंग, रहस्य जानकर हो जाएंगे दंग
यहां जानें चारमीनार का रहस्य. (फोटो साभार: unsplash)
निजामों के शहर, हैदराबाद अक्सर लोग दो कारणों से घूमने के लिए जाते हैं, पहला चारमीनार (Hyderabad Charminar) और दूसरा हैदराबादी बिरयानी. यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर आप इस शहर आए और आपने हैदराबाद का चारमीनार नहीं देखा, तो आपकी यात्रा मानों अधूरी है. चारमीनार यानी ‘चार’ और ‘मीनार’ का शाब्दिक अर्थ है चार टावर, अंग्रेजी में 'फोर टावर्स'.
कैसी है यहां की गुप्त सुरंग?
ऐसा कहा जाता है कि गोलकोंडा फोर्ट को चारमीनार से जोड़ने के लिए यहां अंडरग्राउंड सुरंग बनाई गई है. ऐसा माना जाता है कि किसी भी घेराबंदी की स्थिति में शाह ने बचने के मार्ग के रूप में सुरंग का निर्माण किया था. सुंरग कहां स्थित है ये अभी भी एक रहस्य बना हुआ है.
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चारमीनार का महत्व
16 वीं शताब्दी के अंत में हैदराबाद में प्लेग महामारी के खत्म होने का जश्न मनाने के लिए इस स्मारक का निर्माण किया गया था. हैदराबाद शहर को विकसित करने के लिए पर्शियन आर्किटेक्ट को भी बुलाया गया था, तभी कुली कुतुब शाह ने प्लेग महामारी को खत्म होने की जीत को दिखाने के लिए इस संरचना का निर्माण किया था.
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कितनी पुरानी है चारमीनार?
इस स्मारक की ऐतिहासिक आयु 450 वर्ष से अधिक है, जो चारमीनार को भारत के सबसे पुराने स्मारकों में से एक बनाती है. आज भी ये स्मारक अपनी पूरी महिमा के साथ शहर की रौनक में चार चांद लगा रहा है. इसके अलावा प्रदूषण के चलते तेलंगना सरकार भी इस स्मारक के संरक्षण के चलते इसके आसपास 200 के दायरे को नो वेहिकल जोन बनाने की कोशिश कर रही है.
यह जगह घूमने के लिए बेस्ट मानी जाती है और आप यहां से जुड़े रोचक तथ्य यहां जाने के बाद और अच्छी तरह जान सकते हैं. लोगों की मान्यता इस जगह को खास बनाती है, इसलिए यहां हजारों लोग घूमने आते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)