. Uttar Pradesh, India
कौन हैं मुकुल गोयल?
मुकुल गोयल को यूपी डीजीपी के पद से हटाया गया (फाइल फोटोः Twitter/@ANI)
- मुकुल गोयल को यूपी डीजीपी के पद से हटा दिया गया है
- योगी सरकार ने मुकुल गोयल के खिलाफ कार्रवाई की है
- 1987 बैच के आईपीएस मुकुल गोयल कई पदों पर अपनी सेवा दी है
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश के पुलिस महानिदेशक यानी DGP को पद से हटा दिया है. यूपी के डीजीपी मुकुल गोयल को पद से हटा दिया गया है. मुकुल गोयल पिछले साल यानी साल 2021 में जून में डीजीपी नियुक्त किया गया था. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के पुलिस प्रमुख मुकुल गोयल को उनके काम की उपेक्षा के लिए बुधवार को उनके पद से हटा दिया गया.
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पीटीआई के मुताबकि, आधिकारिक बयान में कहा गया है कि उन्हें नागरिक सुरक्षा विभाग का महानिदेशक (डीजी) बनाया गया है. बयान में कहा गया है कि गोयल को आधिकारिक कार्यों की उपेक्षा और विभागीय कार्यों में रुचि नहीं लेने के कारण डीजीपी के पद से हटा दिया गया था.
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बता दें, 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी गोयल को पिछले साल जून में उत्तर प्रदेश का पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नियुक्त किया गया था. उन्होंने अपने करियर में कई अहम पदों पर काम किया है. बतौर एसपी वह सबसे पहले अल्मोड़ा में पदस्थापित हुए थे. इसके बाद जालौन, मैनपुरी, आजमगढ़, हाथरस, गोरखपुर, वाराणसी, सहारनपुर, मेरठ जैसे जिलों की कमान संभाली. वह DOW और विजलेंस में भी एसपी बनाए गए थे.
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में जन्में मुकुल गोयल ने IIT दिल्ली से इलेक्ट्रिकल में बीटेक की पढ़ाई की. उन्होंने मैनेजमेंट में एमबीए की डिग्री भी हासिल की है. वह फ्रेंच भाषा के अच्छे जानकार हैं.
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मुकुल गोयल को 2004 में वे आगरा, कानपुर और बरेली रेंज के डीआईजी रहे. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भारत सरकार गए तो उनको डीआईजी आइटीबीपी बनाया गया. 2009 में आईजी के पद पर प्रमोट हुए तो मुकुल गोयल आईजी एनडीआरएफ और सिविल डिफेंस बनाएं गए. सितंबर 2012 में मुकुल गोयल वापस उत्तर प्रदेश आए तो आईजी बरेली बना दिया गया.
मुकुल गोयल को अपने लंबे करियर में कई सम्मान मिले हैं. मुकुल गोयल को साल 2003 में वीरता के लिए पुलिस गैलंट्री मेडल, 2003 में ही दीर्घ विशिष्ट सेवा के लिए पुलिस मेडल, 2012 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक और 2020 में केंद्रीय गृहमंत्री का अति उत्कृष्ट सेवा पदक दिया गया है.
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हालांकि, उनकी कार्यशैली पर पहले भी सवाल उठाए जा चुके हैं. साल 2000 में मुकुल गोयल को उस समय SSP के पद से सस्पेंड कर दिया गया था जब पूर्व बीजेपी विधायक निर्भय पाल शर्मा की हत्या हो गई थी.